Aaj Kitne Baje Se Rakhi Bandh Sakte hai? (आज कितने बजे से राखी बांध सकते हैं?)
आज 30 अगस्त राखी बांधने का शुभ समय हैं रात 9:02 मिनट. इस समय के बाद से राखी बांधी जा सकती है. पूर्णिमा तिथि का आरंभ हो चुका है. 30 अगस्त सुबह 10:59 मिनट से श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि शुरु हो चुकी है.
Rakhi Ka Dusra Naam Kya Hai? (राखी का दूसरा नाम क्या है?) श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं. रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है.
भद्राकाल में क्यों नहीं बांधनी चाहिए राखी (Bhadrakaal In Raksha Bandhan)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्राकाल में ही राखी बांधी थी, जिसके कारण रावण का अंत हुआ. रावण के पूरे कुल का विनाश हो गया. इस वजह से ही भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए. वहीं, एक मान्यता यह भी है कि भद्रा के वक्त भगवान शिव तांडव करते हैं और वो काफी क्रोध में होते हैं. उस समय कुछ भी शुभ कार्य करने पर शिव जी के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए भद्राकाल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है.
राशि के अनुसार भाई को बांधे ऐसी राखी (Rakhi According To Zodiac Signs)
मेष- इस राशि के भाई को मालपुए खिलाएं एवं लाल डोरी से निर्मित राखी बांधें.
वृषभ- इस राशि के भाई को दूध से निर्मित मिठाई खिलाएं एवं सफेद रेशमी डोरी वाली राखी बांधें.
मिथुन- इन लोगों को बेसन से निर्मित मिठाई खिलाएं एवं हरी डोरी वाली राखी बांधें.
कर्क- इस राशि के भाई को रबड़ी खिलाएं एवं पीली रेशम वाली राखी बांधें
सिंह- इन लोगों रस वाली मिठाई खिलाएं एवं पंचरंगी डोरे वाली राखी बांधें.
कन्या- इस राशि के भाई को मोतीचूर के लड्डू खिलाएं एवं गणेशजी के प्रतीक वाली राखी बांधें.
तुला- तुला राशि के भाई को हलवा या घर में निर्मित मिठाई खिलाएं एवं रेशमी हल्के पीले डोरे वाली राखी बांधें.
वृश्चिक- इस राशि के भाई को गुड़ से बनी मिठाई खिलाएं और गुलाबी डोरे वाली राखी बांधें.
धनु- इस राशि के भाई को रसगुल्ले खिलाएं और पीली व सफेद डोरी से बनी राखी बांधें.
मकर- इस राशि के भाई को मिठाई खिलाएं एवं मिले जुले धागे वाली राखी बांधें.
कुंभ- कुंभ राशि के भाई को हरी मिठाई खिलाएं और नीले रंग से सजी राखी बांधें.
मीन- इस राशि के भाई को मिल्क केक खिलाएं और पीले-नीले जरी की राखी बांधें.

राखी बांधने से पहले करें गणेश भगवान की पूजा (Rakhi Pujan 2023)
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणपति के पूजन से होती है. हर मंगल कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा करना जरूरी माना जाता है. इसलिए रक्षाबंधन के दिन भी भाई को राखी बांधने से पहले बहनें बप्पा की आराधना जरूर करें. अगर भाई के साथ आपके संबंध ठीक नहीं रहते हैं या फिर भाई बहुत गुस्सैल है तो राखी बांधने से पहले गणेश जी को दूर्वा घास अर्पित करें. इससे भाई-बहन के संबंध मधुर होते हैं और आयु में वृद्धि होती है.
रक्षा बंधन के विभिन्न नाम (Different Names of Raksha Bandhan)
रक्षा बंधन या राखी को भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. भारत के विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न भाषाओं के साथ, लोग राखी के त्योहार को क्षेत्रीय नामों से मनाते हैं. उत्तर और पश्चिम भारत में, इस उत्सव को “राखी पूर्णिमा” के रूप में जाना जाता है. दक्षिण भारत में, “अवनि अवित्तम” या “उपकर्मम” कहा जाता है. महाराष्ट्र में इसे नारियल पूर्णिमा कहते हैं. मध्य भारत में मुख्य रूप से राखी के खुशी के अवसर को “कजरी पूर्णिमा” के रूप में मनाया जाता है.